Blood sugar kya hai?कारण, लक्षण,आयुर्वेदिक उपचार

 Blood sugar kya hai?कारण, लक्षण,आयुर्वेदिक उपचार 

Blood sugar kya hai?कारण, लक्षण,आयुर्वेदिक उपचार



ब्लड शुगर क्या है?


हम सभी ने ब्लड शुगर या रक्त शर्करा,शक्कर की बीमारी,के बारे में आजकल किसने नही सुना है,आजकल हर परिवार अथवा उनके रिश्तेदार या पड़ोसी  मै कोई  न कोई इस बीमारी से पीड़ित  है।लेकिन क्या आपको पता हैं कि यह  वास्तव में क्या बीमारी है? जब भी हम भोजन करते हैं, तो हमारा शरीर इसे ऊर्जा के रूप में बदल देता है, और इसमें सबसे मुख्य भूमिका निभाता है ग्‍लूकोज, जो कि एक प्रकार की चीनी(शक्कर)है। यह शरीर के लिए अति आवश्यक है कियूकी शरीर की सभी गतिविधियों के लिए आवश्यक ऊर्जा का यह मुख्य स्रोत है। परंतु जब  भी बात ब्लड शुगर की आती है, तो कई प्रश्न दिमाग मै उठते हैं, जैसे कि इसे किस प्रकार संतुलित रखें, इसका स्तर कैसे सामान्य होना चाहिए, आदि।

ब्लड शुगर का महत्व

ब्लड शुगर का स्तर हमे बताता है कि शरीर  स्वस्थ्य है या नही। साधारणत:रूप  से, जब भी हम कुछ खाते हैं, तो हमारे द्वारा सेवन किया गया भोज्य पदार्थ टूटकर ग्‍लूकोज बना लेता हैं, जो हमारे खून में चला जाता  है। अग्न्याशय (Pancreas) एक हार्मोन, इंसुलिन (Insulin) को बनाता  है, जो ग्‍लूकोज को कोशिकाओं में पहुँचाने में मदद करता है। इस प्रक्रिया से ही शरीर को ऊर्जा मिलती है और हमारे ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित(कंट्रोल)रहता है।

यदि आपके खून मै  शुगर का स्तर बहुत अधिक या बहुत कम हो जाता है, तो यह स्वास्थ्य समस्याओं का मुख्य कारण बन सकता है। बडा हुआ ब्लड शुगर (हाइपरग्लाइसेमिया) डायबिटीज का संकेत हो सकता है, जबकि कम ब्लड शुगर (हिपोग्लाइसेमिया) गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकता है।

सामान्य ब्लड शुगर स्तर

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मत अनुसार, खाली पेट ब्लड शुगर का सामान्य स्तर 70 से 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) होता है। खाने के बाद, यह स्तर 140 mg/dL से अधिक नहीं होना चाहिए। यदि आपका ब्लड शुगर स्तर इन आंकड़ों से काफी ऊपर या नीचे है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपको किसी न किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है।


 

ब्लड शुगर होने के कारण क्या है?

ब्लड शुगर, जिसे हम सामान्यत: रक्त शर्करा के नाम से जानते हैं,यह  हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण एवं उपयोगी तत्व है। यह हमारे दिमाग और शारीरिक गतिविधियों को ऊर्जा देता  है।परंतु जब ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक या कम होता है, तो यह बहुत प्रकार  की समस्याओं का कारण बन सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि ब्लड शुगर बढ़ने के पीछे के कारण क्या हैं और हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. हानिकारक भोजन की आदतें


सही आहार हमारे ब्लड शुगर के लेविल को नियंत्रित रखने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब हम अधिक मात्रा में शक्कर, तले-भुने या जंक फूड का सेवन करते हैं, तो हमारा शरीर इन खाद्य पदार्थों को एक साथ तेजी से अवशोषित करता है, जिसकी वजह ब्लड शुगर का स्तर अचानक बढ़ सकता है।

2. शारीरिक गतिविधियों की कमी

आजकल की व्यस्त और भागदौड  वाली जीवनशैली में शारीरिक गतिविधियों की कमी आम होती जा रही है। नियमित व्यायाम न केवल शरीर को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है, बल्कि यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को भी बढ़ाता है। सक्रिय  जीवनशैली को अपनाने से आप ब्लड शुगर के नियंत्रण में रख सकते हैं।

3. मानसिक तनाव

तनाव(टेंशन)और चिंता यदि आप  अधिक करते है तो ऐसा होने से भी ब्लड शुगर पर उल्टा प्रभाव पड़ सकता है। तनाव हार्मोन को बनाने लगता है जिसकी वजह से ब्लड मै शुगर का स्तर बढ़ सकता है। योग, ध्यान, या कोई भी रिलैक्सेशन तकनीक अपनाकर आप तनाव को कम कर सकते हैं।

4. आनुवांशिकी (जेनेटिक्स)

कभी-कभी, ब्लड शुगर का स्तर आपको परिवार से विरासत में मिला हो सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो आपको भी इसके होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना बेहद जरूरी है।

5. गलत दवाईयों का इस्तेमाल


कई बार लोग अपनी बिना डॉक्टर की सलाह से बल्कि स्वेच्छा से दवाइयों का सेवन करते हैं। कुछ दवाएं, जैसे कि स्टीरोइड्स, भी ब्लड शुगर स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए डॉक्टर के निर्देश के बिना किसी भी दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए।

6. नींद की कमी

नींद की कमी अथवा अनिद्रा भी ब्लड शुगर पर प्रभाव डाल सकती है। जो लोग नियमित रूप से पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उनके शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता कम होने लगती है, जिससे ब्लड शुगर लेविल बढ़ सकता है।

ब्लड शुगर होने के लक्षण क्या है?

आजकल की तेज़-भागती ज़िंदगी में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। खासकर मधुमेह या डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का बढ़ता प्रकोप हमें सावधान करता है। शरीर में ब्लड शुगर स्तर के असामान्य बदलाव हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। तो चलिए, जानते हैं ब्लड शुगर बढ़ने या घटने के लक्षण क्या होते हैं और हमें कब सतर्क  हो जाना चाहिए।

1. अधिक प्यास लगना (Polydipsia)

अगर आपको बिना किसी कारण के हमेशा ही प्यास लगती है, तो यह उच्च ब्लड शुगर का संकेत हो सकता है। जब आपके रक्त में शुगर का स्तर बढ़ता है, तो आपके शरीर को पानी की आवश्यकता अधिक हो जाती है।

2. बार-बार पेशाब आना (Polyuria)

विधि के अनुसार, आपका शरीर अतिरिक्त शुगर को बाहर निकालने का कोशिश करता है, जिससे कारण आप बार-बार पेशाब करते हैं। यदि आपको लगता हैं कि आप दिनभर में कई बार शौचालय जाते हैं, तो यह एक महत्वपूर्ण संकेत है।

3. थकान और कमजोरी (Fatigue)

अधिक शुगर लेवल हो जाने के कारण आपका शरीर ऊर्जा का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता, जिससे आप थकान और कमजोरी महसूस कर सकते हैं। यदि आप दैनिक गतिविधियों में थका- थका हुआ महसूस कर रहे हैं, तो यह लक्षण नजरअंदाज करने की भूल न करें।

4. धुंधला दृष्टि (Blurred Vision)

ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से आँखों में तरलता का असंतुलन होता है, जिससे आपको धुंधला दिखाई देने लगा है ऐसा आप अनुभव कर सकते हैं। अगर आपको अचानक से दृष्टि में बदलाव महसूस हो रहा है, तो यह उच्च शुगर का संकेत हो सकता है।

5. जलन या निचले अंगों में दर्द (Numbness or Tingling in limbs)

यदि आपके पैरों या हाथों में जलन या सुन्नापन का अनुभव होता है, तो यह उच्च ब्लड शुगर का संकेत हो सकता है। यह तंत्रिका क्षति की ओर इशारा कर सकता है, जो लंबे समय तक उच्च शुगर के प्रभाव में होता है।

6. त्वचा में संक्रमण (Skin Infections)

यदि आप अपने शरीर त्वचा के संक्रमण का बार-बार सामना कर रहे हैं,यदि कोई चोट आसानी से ठीक  नही हो रही,तो यह आपके ब्लड शुगर के स्तर का संकेत हो सकता है। उच्च शुगर स्तर शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को कमजोर कर देता है।


ब्लड शुगर के लिए आयुर्वेदिक व घरेलू इलाज क्या है?

आजकल मधुमेह, या डायबिटीज, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है। इस बीमारी का प्रभाव न केवल हमारे शरीर पर बल्कि हमारे जीवन के क्रियाकलाप पर भी पड़ता है। हालांकि, आयुर्वेद और घरेलू उपायों के माध्यम से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। आइए, उन उपायों पर एक नज़र डालते हैं जो आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकते हैं।


आयुर्वेदिक उपाय:

जामुन का सेवन: आयुर्वेद में  जामुन का उपयोग ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इसे रोज़ सुबह भूखे पेट खाने से लाभ मिलता है।


कड़वे चोकर का पाउडर: मेथी के बीज या कड़वे चोकर का पाउडर भी ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार होता है। एक चम्मच कड़वा चोकर दिन में दो बार पानी के साथ लेने से लाभ मिलता है।


तुलसी: तुलसी के पत्तों का सेवन भी ब्लड शुगर कम करने में सहायक है। रोज़ सुबह कुछ तुलसी के पत्ते चबाने से आपके शरीर का ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है।


हल्दी: हल्दी में कर्क्यूमिन होता है, जो इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है। भोजन में रोज़ाना हल्दी का उपयोग करने से न केवल ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है, बल्कि यह सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।


घरेलू उपाय:

दालचीनी: दालचीनी का सेवन भी ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक होता है। एक चम्मच दालचीनी पाउडर को रोज़ सुबह गर्म पानी में डालकर पीना बहुत फायदेमंद होता है।


सेब का सिरका: कई शोध से पता चला हैं कि सेब का सिरका ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। इसके लिए एक चम्मच सेब का सिरका को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।


छाछ: छाछ का सेवन पाचन के लिए अच्छा होता है और यह ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखता है। इसे दिन में एक बार लेने से न केवल शरीर का लेबल संतुलित रहता है, बल्कि यह ऊर्जा भी मिलती  है।


गर्म पानी: दिन की शुरुआत गर्म पानी से करें। गर्म पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है और शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे ब्लड शुगर लेबल को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।

डिस्क्लेमर:-
यह जानकारी सामान्य ज्ञान के उद्देश्य से प्रदान की गई है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए कृपया विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।

Faq:

01प्रश्न:-ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए कौन-सी जड़ी-बूटियाँ मददगार हैं?
Ans:- गुड़मार, तुलसी और पनीर के फूल आदि जड़ी-बूटियाँ ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक हैं।

2.प्रश्न:-क्या मैं केवल आयुर्वेदिक उपायों से ब्लड शुगर नियंत्रित कर सकता हूँ?

Ans- आयुर्वेदिक उपाय सहायक हो सकते हैं, लेकिन चिकित्सकीय सलाह और नियमित जांच भी आवश्यक हैं।

3.प्रश्न:-ब्लड शुगर के सामान्य लक्षण क्या हैं?
Ans- थकान, अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना, और आंखों से धुंधला दिखाई देना।

4.प्रश्न:- क्या चिंता या तनाव का ब्लड शुगर पर प्रभाव पड़ता है?
Ans - हाँ, मानसिक तनाव ब्लड शुगर स्तर को बढ़ा सकता है।

5.प्रश्न:-क्या नियमित व्यायाम ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है?

Ans:- जी हाँ, नियमित व्यायाम शुगर स्तर को संतुलित रखने में मददगार है।

6.प्रश्न:-मैं अपने आहार में बदलाव कर के ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकता हूँ?
Ans:- हाँ, संतुलित आहार और कम शर्करा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से मदद मिल सकती है।

7.प्रश्न:-शुगर की जांच कितनी बार करनी चाहिए?

Ans:- सामान्यतः हर 3 से 6 महीने में जांच कराने की सलाह दी जाती है, लेकिन डॉक्टर की सलाह अनुसार।

8.प्रश्न:-आयुर्वेदिक उपायों का कोई साइड इफेक्ट हो सकता है?
Ans:- आयुर्वेदिक उपाय सामान्यतः सुरक्षित होते हैं, लेकिन कुछ जड़ी-बूटियाँ दूसरों के साथ प्रतिक्रिया कर सकती हैं। चिकित्सक से परामर्श करें।

9.प्रश्न:-मधुमेह वाले लोगों को किसी विशेष आहार का पालन करना चाहिए?

Ans:- हाँ, मधुमेह के रोगियों को विशेष आहार का पालन करने की सलाह दी जाती है, जिसमें कम शर्करा और अधिक फाइबर हो।

10.प्रश्न:-आयुर्वेदिक उपचार तुरंत प्रभाव दिखाते हैं?
Ans:- आयुर्वेदिक उपचार दीर्घकालिक होते हैं और परिणाम दिखाने में समय लग सकता है। नियमितता और धैर्य आवश्यक है।

स्वस्थ रहे सुखी रहे


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